बिजनेस

Paytm Crisis: नियमों का अनुपालन नहीं करने पर पेटीएम के खिलाफ कार्रवाई, हमारी व्यवस्था दुरुस्त: RBI

केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह साफ किया कि नियमों के अनुपालन में पेटीएम की कमी व्यवस्था को लेकर कोई जोखिम पैदा नहीं करती है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि कौन से मामलों को लेकर वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की गयी है।

दास ने मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद यहां केंद्रीय बैंक मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘इस समय प्रणाली के बारे में कोई चिंता नहीं है। यहां हम एक विशिष्ट संस्थान, एक विशिष्ट भुगतान बैंक के बारे में बात कर रहे हैं।” डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे ने कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ 31 जनवरी की कार्रवाई लगातार नियमों का अनुपालन नहीं करने के कारण की गयी है।

आरबीआई ने कार्रवाई के तहत कंपनी को नये ग्राहकों को शामिल करने से रोक दिया है और 29 फरवरी के बाद जमा, प्रीपेड उत्पादों और ई-वॉलेट से संबंधित सेवाओं को रोकने के लिए कहा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह लगातार नियमों का अनुपालन नहीं करने को लेकर की गयी निगरानी कार्रवाई है। इस तरह की कार्रवाई लंबे समय तक चीजें पर नजर रखने के बाद होती है। जहां हम न केवल कमियों को इंगित करते हैं बल्कि उसे ठीक करने लेने के लिए पर्याप्त समय भी प्रदान करते हैं।”

दास ने कहा, ‘‘आरबीआई द्विपक्षीय आधार पर संस्थाओं के साथ काम करता है। उन्हें पर्याप्त समय देकर नियमों के अनुपालन के लिए प्रोत्साहित करता है। निगरानी स्तर पर कार्रवाई तभी की जाती है, जब संबंधित इकाई द्वारा जरूरी कदम नहीं उठाए जाते हैं।”

उन्होंने कहा, ‘‘जब विनियमित इकाई (बैंक और एनबीएफसी) प्रभावी कार्रवाई नहीं करती हैं, तो हम कामकाज पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाते हैं.” दास ने कहा कि कार्रवाई व्यवस्था के स्तर पर स्थिरता या जमाकर्ता अथवा ग्राहकों के हितों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर की गयी है।

उन्होंने कहा, ‘‘इन पहलुओं से समझौता नहीं किया जा सकता। संस्थाओं को अपनी दीर्घकालिक सफलता के लिए इन पहलुओं के प्रति सचेत रहना चाहिए।” दास ने कहा कि लोगों के मन में बहुत सारे सवाल और चिंताएं हैं। इसको देखते हुए रिजर्व बैंक अगले सप्ताह एक विस्तृत एफएक्यू (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न) लेकर आएगा, जिससे चीजें स्पष्ट हो जाएंगी।

कार्रवाई के कारणों के बारे में पूछे जाने पर, दास ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘नियम मजबूत हैं। यह ऐसा मामला नहीं है जहां कोई नियामकीय कमी थी या नियामकीय सुधार की आवश्यकता थी। यह विभिन्न नियमों के अनुपालन का मुद्दा है।”

 

Related Articles

Back to top button